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कैसे बना भारत का संविधान?

संविधान सभा के द्वारा संविधान का निर्माण किया गया। संविधान सभा का गठन अंग्रेजों द्वारा गठित कैबिनेट मिशन के तहत किया गया। यह कैबिनेट मिशन योजना 1946 में भारत में आई और इसी योजना के तहत भारतीयों को संविधान सभा बनाने का मौका दिया गया। तथा जुलाई 1946 में संविधान सभा का गठन किया गया।

संविधान सभा में शुरुआती समय में कुल 389 सदस्य थे जिसमें -

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293 – ब्रिटिश प्रांतों से 92 – देशी रियासतों, रजवाड़ों से 4 – चीफ कमिश्नरी से

इस सभा के लिए सदस्यों का चुनाव परोक्ष रूप से या कहें कि अप्रत्यक्ष रूप से किया गया। जिसमें की प्रति 10 लाख पर 1 सदस्य लाया गया। इस प्रकार कुल 389 सदस्य सभा के लिए आए। इनमें भी यह सामाजिक रूप से 3 भागों– मुस्लिम, सिक्ख, सामान्य में विभाजित थे तथा राजनीतिक तौर पर यह दो भागों- काँग्रेस व मुस्लिम लीग में विभाजित थे। जिसमें कि सबसे अधिक सदस्य काँग्रेस से थे।

संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव कैसे हुआ?

इस सभा के लिए सदस्यों का चुनाव परोक्ष रूप से या कहें कि अप्रत्यक्ष रूप से किया गया। जिसमें की प्रति 10 लाख पर 1 सदस्य लाया गया। इस प्रकार कुल 389 सदस्य सभा के लिए आए। इनमें भी यह सामाजिक रूप से 3 भागों– मुस्लिम, सिक्ख, सामान्य में विभाजित थे तथा राजनीतिक तौर पर यह दो भागों- काँग्रेस व मुस्लिम लीग में विभाजित थे। जिसमें कि सबसे अधिक सदस्य काँग्रेस से थे।

संविधान सभा का उद्देश्य

इस संविधान सभा का उद्देश्य एक ऐसा संविधान बनाना था जो हमारे देश के शासन को लंबे समय तक सही ढंग से चल सके ताकि भविष्य में भी भारत की राजव्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जा सके। उनके इन्हीं प्रयासों के बाद आज भी हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना हुआ है।

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संविधान सभा के कार्य