USTTAD क्या है?
- USTTAD का पूरा नाम– विकास के लिए पारंपरिक कलाओं/ शिल्पों में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन (Upgrading the Skills and Training in Traditional Arts/Drafts for Development)
- इस योजना को 2015 में लॉन्च किया गया
- यह योजना अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- यह एक सेंट्रल सेक्टर स्कीम है।
- यह योजना पूरे भारत में लागू है।
USTTAD का उद्देश्य
- अल्पसंख्यक समुदाय के पारंपरिक शिल्पों/कलाओं की विरासत को संरक्षित रखना
- शिल्पकारों/ कारीगरों में क्षमता निर्माण कर उनके पारंपरिक कौशल को वैश्विक बाजार तक पहुँच उपलब्ध करवाना
- पारंपरिक कला में सिद्धहस्त कारीगरों के माध्यम से युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित करना
- विलुप्त होती कलाओं/ शिल्पों के संरक्षण का प्रयास करना
इस योजना के ज्ञान भागीदार
मंत्रालय और परियोजना क्रियान्वयनकर्ता एजेंसियों (PIA) की सहायता हेतु निम्नलिखित कौशल भागीदारों को इसमें शामिल किया जाएगा-
- राष्ट्रीय फैशन प्रोद्योगिकी संस्थान
- क्षेत्रीय निर्यात संवर्धन परिषदें
- अन्य विशेषज्ञ एजेंसियां
ये ज्ञान भागीदार, मंत्रालय और PIA को अनेक माध्यमों से मदद करेंगे, जैसे-
- परंपरा कौशलों की पहचान
- पहचान किए गए शिल्पों का प्रलेखन
- प्रशिक्षणार्थियों के लिए पाठ्यक्रम का विकास
- अन्य कई क्रियाकलाप जो परंपरागत शिल्पों/ कौशलों का परिरक्षण तथा संवर्धन हेतु आवश्यक हों
USTTAD की विशेषताएं
- विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से पारंपरिक कलाओं/ शिल्पों के कौशल और प्रशिक्षण में उन्नयन
- अनुसंधान एवं विकास हेतु उस्ताद प्रशिक्षुता वजीफा
- पारंपरिक कलाओं/ शिल्पों का संग्रह करने के लिए शिल्प संग्रहालय
- प्रतिभावान कारीगरों और शिल्पकारों को मान्यता प्रदान करना
- हुनर हाट और शिल्प उत्सव जैसे कार्यक्रमों का आयोजन
- हुनर हाट– यह एक ऐसा मंच है जहाँ देश भर के शिल्पकारों/ कारीगरों को अपने पारंपरिक हस्तनिर्मित, दुर्लभ और उत्तम स्वदेशी उत्पादों को प्रदर्शित करने और उनका विपणन करने का अवसर मिलता है।
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