हमें संविधान की जरूरत क्यूं पड़ी? | Why we need Constitution?
क्यूंकि हमारा देश लगभग 200 वर्ष की गुलामी के बाद स्वाधीन होने वाला था तो संविधान निर्माताओं के लिए ये एक बड़ी चुनौती थी कि वह भारत के लिए ऐसा संविधान बनाएं जो यहाँ की राजव्यवस्था को अच्छे से और लंबे समय तक चला सके साथ ही हमारे भारत का अनेक विविधताओं वाला देश होना भी एक चुनौती था, जिसे भारतीय संविधान निर्माताओं ने ध्यान में रखते हुए संविधान की बारीकियों का ध्यान रखा।

कैसे भारत का संविधान दुनिया में सबसे खास है? | Why Indian Constitution is Special?
वैसे तो हमारा संविधान बहुत से संविधानों से मिलकर बना है, और इसका विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान होना भी शायद इसीलिए है। जिसके कारण ही हमारा भारत आज विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र बना हुआ है। डॉ भीमराव अंबेडकर तथा अन्य संविधान निर्माताओं के सहयोग से बने हमारे संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाँ बने, तथा इनके स्रोत भी कुछ आंतरिक एवं बहरिक रहे जिसमें की भारत शासन अधिनियम 1935 तथा लगभग विश्व के 60 देशों के संविधान प्रमुख रहे।
भारत के संविधान में किस देश के संविधान से क्या लिया गया?
- भारत शासन अधिनियम 1935 – न्यायपालिका की व्यवस्था, नियंत्रक महालेखा परीक्षक, लोक सेवा आयोग, आदि।
- संयुक्त राज्य अमेरिका – मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात।
- ब्रिटेन – संसदीय शासन व्यवस्था, संसदीय विशेषाधिकार,मंत्रिमंडल व्यवस्था, एकल नागरिकता, विधि का शासन।
- आयरलैंड – नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों को मनोनीत करना, आपातकालीन उपबंध।

- ऑस्ट्रेलिया – प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, संयुक्त अधिवेशन।
- जर्मनी – आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति को मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां।
- कनाडा – संघात्मक विशेषताएं, शक्तियों का विभाजन, अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास।
- दक्षिण अफ्रीका – संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान।
- रूस – मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान।
- जापान – विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
- फ्रांस – समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व एवं गणतंत्र।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत शासन अधिनियम 1935 अंग्रेजों द्वारा भारत में शासन के लिए लाया गया था। अंग्रेजों के जाने के बाद संविधान सभा द्वारा लगभग 395 में से 250 अनुच्छेद इस अधिनियम से लिए गए।
- रूस के संविधान से मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान हमने 42वें संविधान संशोधन 1976 से जोड़ा था।
- कुछ आलोचक भारतीय संविधान को उधार का संविधान भी कहते हैं।
- भारतीय संविधान में अन्य देशों से लिए गए प्रावधानों को हु-ब-हु नहीं लिया गया बल्कि उन प्रावधानों को हम भारतीयों के अनुसार बदलकर ही हमारे संविधान में जोड़ा गया।
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