संविधान क्या है?
संविधान अर्थात सर्वोच्च कानून, साधारण भाषा में संविधान वह कानून या नियम हैं जिनसे किसी देश अथवा राज्य को चलाया जाता है तथा यह लिखित व अलिखित दोनों रूपों में हो सकता है। पारिभाषिक भाषा में, संविधान सभी बुनियादी नियमों की एक ऐसी किताब है जिसके द्वारा किसी देश की सरकार को चलाया जाता है। इसमें लिखे नियम सरकार तथा नागरिक दोनों को ही मानने होते हैं।
संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है?
- सामाजिक, भौगोलिक, जातिगत एवं भाषिक विविधताओं वाला देश होने के कारण हमें ऐसे नियमों एवं कानूनों की जरूरत थी, जो सभी के लिए समान हों तथा सभी पर समान रूप से लागू किए जा सकें।
- सरकार पर सामान्य जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए भी संविधान की जरूरत थी।
- समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी और सरकार का गठन कैसे हो
- नागरिकों के अधिकारों के लिए
- सरकार को उसकी सीमाएं बताने के लिए ताकि वह निरंकुश ना हो
- एक न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए
- जनता की आकांक्षाओं व को पूरा करने के लिए
संविधान किसने बनाया?
विश्व के लगभग 60 देशों के संविधानों का अध्ययन करने के बाद डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान की रूपरेखा तैयार की। 26 नवम्बर 1949 को संविधान को संविधान सभा के सामने लाया गया, उसी दिन संविधान सभा ने इसे मंजूरी दे दी, तथा तभी से 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
संविधान किसने लिखा?
संविधान की मूल प्रति हिन्दी व English दोनों ही भाषाओं में हस्तलिखित की गई थी, तथा इसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था, जिसमें उन्हें लगभग 6 महीने का समय लगा।

भारतीय संविधान की विशेषताएं-
वैसे तो हमारे संविधान की बहुत-सी विशेषताएं हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न हैं-
- भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
- हमारे संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियाँ थीं, जो कि वर्तमान समय में 25 भाग, 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ हैं।
- संविधान के आधार पर ही भारत को विश्व का सबसे बड़ा गणतंत्र कहा जाता है।
- हमारे संविधान का एक बहुत ही महत्वपूर्ण गुण इसका लचीला तथा कठोर ढांचा है।
- संविधान में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार सभी नागरिकों को दिया गया है।
- हमारे भारतीय संविधान में संसदीय शासन प्रणाली तथा त्रिस्तरीय शासन प्रणाली (केंद्र, राज्य व स्थानीय स्वशासन) को बताया गया है।
- हमारे भारत को एक पंथनिरपेक्ष राज्य भी संविधान में बताया गया है, अर्थात राज्य का कोई धर्म या जाति नहीं होगी।
- इसमें राज्य तथा नागरिक के कर्तव्यों को भी बताया गया है।
- डॉ भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता माना जाता है, क्यूंकि उनका संविधान निर्माण मे महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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