जब हमारी संविधान सभा ने संविधान को बनाकर तैयार किया तो उसमें 395 अनुच्छेद थे जिसे मूल संविधान कहते हैं। समय के साथ-साथ संविधान में अनुच्छेद जुड़ते गए तथा वर्तमान समय में इसमें लगभग 448 अनुच्छेद हैं।
मूल रूप से तो अभी भी संविधान में क्रम से यह अनुच्छेद 395 ही हैं, परंतु गिनती में यह 448 हैं, जोकि मूल अनुच्छेदों में ही क ख ग.. के रूप में जोड़े गए हैं।
संविधान के ही कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेदों को हम आज इस post में पढ़ेंगे। जिन्हें मैंने याद रखे जाने की दृष्टि से अलग-अलग headings में बाँटा है।
भाग 1
- अनुच्छेद 1– भारत राज्यों का संघ है।
- अनुच्छेद 2– राज्यों का निर्माण या स्थापना। इस अनुच्छेद में यह बताया गया है यदि को बाहरी राज्य भारत का हिस्सा बनना चाहता है तो कैसे उसे भारत में शामिल किया जाएगा।
- अनुच्छेद 3– इस अनुच्छेद के अंतर्गत किसी राज्य के नाम, क्षेत्र, निर्माण का प्रावधान बताया गया है।
भाग 2
भाग 2 में अनुच्छेद 5 से 11 का वर्णन है, जो कि नागरिकता के संबंध में है। जिसके बारे में हम आने वाले पोस्ट्स में detail में पढ़ेंगे।
भाग 3
भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 को बताया गया है जिसमें मौलिक अधिकारों की चर्चा है, जिसे हम पहले ही दो posts मौलिक अधिकार या मूल अधिकार- 1 और मौलिक अधिकार या मूल अधिकार- 2 में अच्छी तरह समझ चुके हैं।
भाग 4
अनुच्छेद 36 से 51 इस भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्वों को बताया गया है जिन्हें हम पहले ही पढ़ तथा समझ चुके हैं।

भाग 4A का अनुच्छेद 51A
इस अनुच्छेद में जनता के मौलिक कर्तव्यों को बताया गया है। इस अनुच्छेद को 42 वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा संविधान में जोड़ा गया।
राष्ट्रपति
अनुच्छेद 52– इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति के पद को बताया गया है।
अनुच्छेद 53– यह अनुच्छेद राष्ट्रपति की शक्ति एवं कार्य को बताता है।
अनुच्छेद 54– इस अनुच्छेद में राष्ट्रपति के निर्वाचन की व्यवस्था को समझाया गया है।

अनुच्छेद 61– महाभियोग की प्रणाली को बताया गया है।
अनुच्छेद 72– राष्ट्रपति द्वारा क्षमा दान की शक्ति का वर्णन किया गया है।
अनुच्छेद 85– प्रधानमंत्री के साथ मिलकर लोकसभा का विघटन करने की शक्ति इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति के पास है।
अनुच्छेद 123– अध्यादेश जारी करने की शक्ति।
अनुच्छेद 143– इस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेने की शक्ति रखते हैं।
उपराष्ट्रपति

अनुच्छेद 63– भारत में एक उपराष्ट्रपति होंगे इस पद की जानकारी इस अनुच्छेद से मिलती है।
अनुच्छेद 64– उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति के रूप में कार्य करेंगे इस बात का वर्णन इस अनुच्छेद में मिलता है।
प्रधानमंत्री

अनुच्छेद 74– राष्ट्रपति की सहायता के लिए मंत्रिपरिषद के गठन की व्याख्या
अनुच्छेद 75– मंत्रिपरिषद के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री होंगे।
संसद
अनुच्छेद 79– संसदीय व्यवस्था का वर्णन इस अनुच्छेद में किया गया है।
अनुच्छेद 80– राज्य सभा अर्थात् उच्च सदन
अनुच्छेद 81– लोकसभा अर्थात् निम्न सदन
अनुच्छेद 100– किसी भी मुद्दे पर मतदान में यदि ड्रॉ (tie) होता है, तो ऐसे में अध्यक्ष का मत निर्णायक होगा।
अनुच्छेद 105– संसद का विशेष अधिकार या संसदीय विशेषाधिकार

अनुच्छेद 108– लोकसभा तथा राज्य सभा का संयुक्त अधिवेशन
अनुच्छेद 110– धन विधेयक
अनुच्छेद 112– इस अनुच्छेद के तहत बजट आता है, जिसे वार्षिक वित्तीय लेन-देन भी कहते हैं।
अनुच्छेद 116– लेखानुदान (कई बार कुछ खर्चों का वर्णन बजट में नहीं किया जाता तथा उन्हे अलग से बिल के रूप में संसद में ला कर पास कराया जाता है, जिसे लेखानुदान कहते हैं।)
अनुच्छेद 117– वित्त विधेयक
सर्वोच्च न्यायालय

अनुच्छेद 124– इस अनुच्छेद के तहत सर्वोच्च न्यायालय का गठन किया गया है।
अनुच्छेद 131– सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों का वर्णन इस अनुच्छेद में किया गया है। जिन्हें मूल क्षेत्राधिकार भी कहा जाता है।
अनुच्छेद 137– न्यायिक पुनर्विलोकन, संसद या न्यायपालिका द्वारा ऐसा कानून या निर्णय लिया जाता है, जो की संविधान के अनुरूप नहीं है। ऐसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय उस विधि या कानून की समीक्षा करता है।
अनुच्छेद 143– इस अनुच्छेद के तहत सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति को सलाह दे सकता है परंतु राष्ट्रपति उस सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं होते।
महान्यायवादी या CAG

अनुच्छेद 76– महान्यायवादी; प्रधानमंत्री के परामर्श से महान्यायवादी की नियुक्ति होती है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। हम कह सकते हैं की सरकार को कानूनी सलाह के लिए एक विधि विशेषज्ञ की आवश्यकता होती है जोकि महान्यायवादी के रूप में की जाती है।
अनुच्छेद 148– CAG यानि नियंत्रक महालेखा परीक्षक। इसकी नियुक्ति भी राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, इनका प्रमुख कार्य सरकार द्वारा सार्वजनिक उपयोग किए जाने वाले धन का लेखा-जोखा रखना होता है।
राज्यपाल
अनुच्छेद 152– इस अनुच्छेद में राज्यपाल की परिभाषा दी गई है।
अनुच्छेद 153– राज्यों के लिए राज्यपाल का प्रावधान इस अनुच्छेद में है।

अनुच्छेद 154– इस अनुच्छेद में राज्यपाल की शक्तियों को बताया गया है।
अनुच्छेद 155– राज्यपाल के निर्वाचन की विधि इस अनुच्छेद में बताई गई है।
अनुच्छेद 161– राज्यपाल को क्षमादान की शक्ति।
मंत्रिपरिषद्
अनुच्छेद 163– मंत्रिपरिषद् की व्यवस्था (राज्यपाल की सहायता के लिए राज्य की कार्यपालिका के रूप में)
अनुच्छेद 164– मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी तथा अन्य मुख्यमंत्री की नियुक्ति से जुड़ी जानकारी।
अनुच्छेद 165– महाधिवक्ता (जिस प्रकार केंद्र सरकार के लिए महान्यायवादी कार्य करता है वैसे ही महाधिवक्ता राज्य सरकार के लिए कार्य करता है)
राज्य विधानमंडल
अनुच्छेद 168– विधानमंडल
अनुच्छेद 169– विधानपरिषद् का गठन
अनुच्छेद 170– विधानसभा की संरचना
अनुच्छेद 171– विधानपरिषद् की संरचना
उच्च न्यायालय

अनुच्छेद 214– राज्यों के लिए हाई कोर्ट की व्यवस्था
अनुच्छेद 216– उच्च न्यायलय का गठन
अनुच्छेद 231– इस अनुच्छेद में 2 या 2 से अधिक राज्यों के लिए एक उच्च न्यायालय हो सकता है। यह इस अनुच्छेद में बताया गया है।
केंद्र-राज्य संबंध
अनुच्छेद 249– राज्य सूची पर केंद्र द्वारा कानून बनाए जाने की शक्ति का प्रावधान इस अनुच्छेद में है।
अनुच्छेद 262– राज्यों के मध्य नदी-जल विवाद से संबंधित अनुच्छेद।
अनुच्छेद 263– अंतर्राज्यीय परिषद् जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री तथा केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री शामिल होते हैं।
अनुच्छेद 266– संचित निधि, इसमें केंद्र के राजस्व को रखा जाता है, तथा व्यय किया जाता है।
अनुच्छेद 267– आकस्मिक निधि (जो खर्चे अचानक आते हैं उनके लिए)
अनुच्छेद 280- वित्त आयोग, वित्त आयोग का गठन प्रत्येक 5 वर्षों में राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है तथा इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र एवं राज्यों के बीच करों का विभाजन करना होता है।
अनुच्छेद 312– अखिल भारतीय सेवाएं (IAS, IPS, IFS)
अनुच्छेद 315– संघ लोक सेवा आयोग
निर्वाचन आयोग

अनुच्छेद 324– भारत में निर्वाचन करवाने की पूर्ण जिम्मेदारी इस अनुच्छेद के तहत निर्वाचन आयोग को दी गयी है।
SC, ST, आंग्ल-भारतीय
अनुच्छेद 330– लोकसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण
अनुच्छेद 331– लोकसभा में आंग्ल-भारतीय के लिए आरक्षण
अनुच्छेद 332– विधानसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण
अनुच्छेद 333– विधानसभा में आंग्ल-भारतीय के लिए आरक्षण
अनुच्छेद 335– सेवाओं या पदों में SC/ST के लिए आरक्षण
अनुच्छेद 338– SC (अनुसूचित जाति आयोग)
अनुच्छेद 338(a)– ST (अनुसूचित जनजाति आयोग)
अनुच्छेद 340– OBC (other backward caste) या अन्य पिछड़ी जाति आयोग
राजभाषा

अनुच्छेद 343– राजभाषा के रूप में हिन्दी को और लिपि के रूप में देवनागरी लिपि को अपनाया गया है।
आपात उपबंध
अनुच्छेद 352– राष्ट्रीय आपातकाल; युद्ध, बाहरी आक्रमण, सशस्त्र विद्रोह आदि की स्थिति में यह आपातकाल लगाया जाता है।
अनुच्छेद 356– राष्ट्रपति शासन; जब किसी राज्य की व्यवस्था विफल हो जाती है तो यह आपात लागू होता है।
अनुच्छेद 360– वित्तीय आपात; देश के किसी राज्य में या सम्पूर्ण देश में यदि वित्तीय संकट आता है तो ऐसे में वित्तीय आपात घोषित कर दिया जाता है।
संविधान संशोधन
अनुच्छेद 368– इस अनुच्छेद के अनुसार संविधान में संशोधन की प्रक्रिया 3 प्रकार की होती है,
- साधारण बहुमत- ½ बहुमत के साथ।
- दो तिहाई (2/3) बहुमत से
- दो तिहाई (2/3) बहुमत तथा राज्यों के समर्थन से

महत्वपूर्ण तथ्य
- कार्यपालिका का वास्तविक प्रमुख प्रधानमंत्री होता है,जबकि नाम-मात्र का प्रमुख राष्ट्रपति होता है।
- किसी मुद्दे पर यदि कोई बिल बहुत समय से रुका हुआ होता है तथा उस पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा हो तो राष्ट्रपति दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन बुलाते हैं।
- इस संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं।
- कोई विधेयक धन विधेयक है या वित्त विधेयक इसका निर्णय लोकसभा अध्यक्ष करते हैं, अनुच्छेद 110 के तहत।
- राज्यपाल की नियुक्ति विशेष रूप से राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- जैसे संसदीय व्यवस्था राष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा इन तीनों से मिलकर बनती है, वैसे ही राज्य विधानमंडल राज्यपाल, विधानमंडल, विधानपरिषद् से बना होता है।
- कोई राज्य अपनी मर्जी से विधानपरिषद् का गठन कर सकता है तथा आवश्यकता ना होने पर उसे समाप्त भी कर सकता है, विधानपरिषद् अनिवार्य नहीं है।
- वर्तमान में भारत में 24 हाई कोर्ट हैं।
- हाल ही में 15 वें वित्त आयोग का गठन किया गया है, जोकि 2020 से 2025 तक कार्य करेगा। 15वें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी 15वें वित्तीय आयोग ने अध्यक्ष श्री एन के सिंह के नेतृत्व में वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी।
- निर्वाचन आयोग का गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था।
- भारत में अभी तक वित्तीय आपात नहीं लगाया गया है।
- संविधान संशोधन की व्यवस्था हमने दक्षिण अफ्रीका से ली है।
- अनुच्छेद 2 और 3 दोनों की शक्तियां संसद को प्राप्त हैं। अनुच्छेद 3 के अंतर्गत ही 2014 में तेलंगाना का निर्माण हुआ।
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