साधारण शब्दों में कहें तो, हमारा संविधान कानून की ऐसी किताब है जिसमें हमारे देश की राजव्यवस्था को चलाने के नियम और कानून लिखे होते हैं।
हमारे मूल संविधान में 8 अनुसूचियाँ थीं, जोकि वर्तमान समय में बढ़कर 12 हो गई हैं।
भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियाँ | 12 Schedules of Indian Constitution
- प्रथम – पहली अनुसूची में भारत, भारत के राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेशों का वर्णन किया गया है। वर्तमान में भारत में 28 राज्य तथा 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। तथा किसी राज्य या प्रदेश की संख्या में बदलाव होने पर प्रथम अनुसूची मे बदलाव होगा।
- द्वितीय – विभिन्न संवैधानिक विशिष्ट पदाधिकारियों जैसे-राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि के वेतन एवं भत्ते इस अनुसूची के अंदर आते हैं।
- तृतीय – विभिन्न संवैधानिक विशिष्ट पदाधिकारियों जैसे-राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि के शपथ ग्रहण का वर्णन इस अनुसूची में किया गया है।
- चौथी – राज्यसभा की सीटों का वर्णन पाँचवी अनुसूची में किया गया है। इस अनुसूची में बताया गया है की भारत के राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेशों से कितनी राज्यसभा सीटें होंगी।

- पाँचवी – अनुसूचित जाति तथा जनजाति के प्रशासन का वर्णन इस अनुसूची में है जिसमें बताया गया है की इन अनुसूचित जाति तथा जनजातियों के लिए एक विशेष प्रशासन की व्यवस्था की जाएगी।
- छठी – इस अनुसूची में जनजातियों के प्रशासन का वर्णन किया गया है, जिसमें कि प्रमुख रूप से 4 राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम का वर्णन है।
- सातवीं – सातवीं अनुसूची में संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची तीनों सूचियों का वर्णन किया गया है।
- आठवीं – इसमें भाषा का वर्णन है। प्रारंभ में इस अनुसूची में 14 भाषाओं को जगह दी गई थी जो की वर्तमान में बढ़कर 22 हो गयी है।
निम्न 4 सूचियां संविधान संशोधनों के बाद संविधान में जोड़ी गयीं।
सूची | संशोधन | संशोधन वर्ष | क्या शामिल किया गया | विशेषता |
9 वीं | पहला | 1951 | भूमि-सुधार संबंधी व्यवस्था को अपनाया गया। | प्रारंभमे इसे न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती थी परंतु वर्तमान में इसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। |
10 वीं | 52 वाँ | 1985 | दल-बदल | आप दल से बदल करते हैं तो चुनाव पूर्व कीजिए तथा चुनाव में जीतने के बाद आप दल-बदल नहीं कर सकते। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी सदस्यता रिक्त मानी जाएगी। |
11 वीं | 73 वाँ | 1992-1993 | पंचायत | इसमें 29 कार्यक्षेत्र तय किए गए जिन्हें इस अनुसूची में रखा गया ओर बताया गया की कोण से कार्यक्षेत्र पंचायतों को दिए गए हैं। जैसे- कृषि, पशुपालन, सड़क-निर्माण, गाँव की साफ-सफाई आदि। |
12 वीं | 74 वाँ | 1992-1993 | नगर प्रशासन | इस अनुसूची में 18 कार्यक्षेत्र जोड़े गए जो नगर-प्रशासन के अंतर्गत आते थे। |
संघ सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची
- संघ सूची– इस सूची में रखे गए विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार को है। इस सूची के अंतर्गत मूल संविधान में 97 विषय रखे गए थे जो कि वर्तमान में बढ़कर 100 हो गई है।
- राज्य सूची– इस सूची में रखे गए विषयों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को है। राज्य सूची में मूल संविधान में 66 विषय थे जो कि वर्तमान में 61 रह गए हैं।
- समवर्ती सूची– इस सूची में रखे गए विषयों पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र व राज्य सरकार दोनों को है। मूल संविधान में इस सूची में 47 विषय थे जो कि अब 52 हैं। दोनों सरकारों में यदि कभी किसी कानून को लेकर कोई टकराव होता है तो केंद्र सरकार को प्राथमिकता दी जाती है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- मूल संविधान में अनुसूचियों की संख्या 8 थी जो की वर्तमान में 12 है।
- 9 वीं अनुसूची में रखे गए विषयों पर सरकार यदि मनमानी करती है तो उन्हें भी न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
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