प्रधानमंत्री पद
जैसा की हम सब जानते हैं, हमारे भारत में शासन की संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है, जो कि ब्रिटेन से प्रेरित है तथा इसमें दो प्रकार के प्रमुख होते हैं-
- नाममात्र का प्रमुख- राष्ट्रपति, हमारे देश का संवैधानिक प्रमुख होता है तथा वही प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है। प्रधानमंत्री की सलाह पर ही राष्ट्रपति अन्य सभी मंत्रियों की भी नियुक्ति करता है तथा उन सभी के माध्यम से कार्यपालिका का कार्य होता है। यही कारण है कि राष्ट्रपति को सत्ता का केवल नाममात्र का प्रमुख कहा जाता है।
- वास्तविक प्रमुख- राष्ट्रपति अपनी शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री एवं मंत्रीपरिषद की सहायता से करता है। इसीलिए प्रधानमंत्री को वास्तविक प्रमुख कहा जाता है।

प्रधानमंत्री के पद को समझने के लिए हमें निम्न 2 अनुच्छेदों को समझना भी जरूरी है-
- अनुच्छेद 74– संविधान के इस अनुच्छेद में बताया गया है कि राष्ट्रपति की सहायता के लिए एक मंत्री परिषद का गठन होगा।
- अनुच्छेद 75– हमारे संविधान के अनुच्छेद 75 में प्रधानमंत्री पद की व्याख्या की गई है, जिसमें बताया गया है कि उपरोक्त मंत्रीपरिषद का प्रमुख प्रधानमंत्री होगा; अर्थात हम कह सकते हैं की केंद्र की कार्यपालिका का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है तथा सरकार का सम्पूर्ण दायित्व प्रधानमंत्री की देख-रेख में ही निभाया जाता है।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति-
प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। लोकसभा में बहुमत दल के नेता को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है।
लोकसभा में बहुमत
जैसा कि पढ़ चुके हैं बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है; अब हम समझते हैं कि यह बहुमत कितना होना चाहिए?
लोकसभा में आधे से ज्यादा या कहें की 50%+1 मत प्राप्त करने वाले दल को बहुमत प्राप्त दल कहा जाता है।
न्यूनतम आयु
क्यूंकि प्रधानमंत्री बनने के लिए संसद के किसी एक सदन का सदस्य होना जरूरी है; इसीलिए प्रधानमंत्री पद के न्यूनतम आयु लोकसभा के सदस्य की न्यूनतम आयु के बराबर यानि 25 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री पद के लिए अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं है। हमारी संसदीय व्यवस्था में चुनाव के माध्यम से चुने गए उम्मीदवार (नेता) की अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं होती है।
राष्ट्रपति पद की तरह ही प्रधानमंत्री भी कितनी भी बार बना जा सकता है। संविधान में इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

शपथ
भारत के राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री को पद और गोपनीयता संबंधी शपथ दिलाते हैं।
कार्यकाल
लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है इसीलिए, प्रधानमंत्री का कार्यकाल भी 5 वर्ष कहा जाता है। जबकि वास्तविक रुप में प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत (इच्छानुसार) होते हैं यानि जब तक प्रधानमंत्री को बहुमत प्राप्त होता है राष्ट्रपति इन्हें प्रधानमंत्री के रुप में कार्य करने देते हैं।
त्याग-पत्र
प्रधानमंत्री अपना त्याग-पत्र राष्ट्रपति को सौंपते हैं।
वेतन
वैसे तो प्रधानमंत्री को संसद के अन्य सांसदों जितना ही वेतन मिलता है; परंतु प्रधानमंत्री को मिलने वाले भत्ते बाकी सांसदों से अधिक होते हैं। जोकि प्रधानमंत्री को अन्य सांसदों से अलग बनाते हैं।
प्रधानमंत्री की शक्तियां
मंत्रीपरिषद के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां
- मंत्रीपरिषद की बैठक को बुलाना तथा आयोजित बैठक की अध्यक्षता करना।
- मंत्रियों के लिए मंत्रालय निर्धारित करना।
- मंत्रियों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों का नेतृत्व करना।
राष्ट्रपति के संबंध में प्रधानमंत्री की शक्तियां
- राष्ट्रपति को सलाह देना (मंत्रियों की नियुक्ति आदि में)
- तत्कालीन योजनाओं एवं विकास कार्यों के बारे में राष्ट्रपति को अवगत कराना /सूचित करना।
संसद के संबंध में शक्तियां
- प्रधानमंत्री सम्पूर्ण मंत्रीपरिषद का प्रमुख होता है।
- राष्ट्रपति को लोकसभा के विघटन के लिए सलाह देना
- संसद में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- संसद में जनता के सवालों का जवाब देते हैं।
प्रधानमंत्री के अन्य कार्य
- नीति (NITI) आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
- अंतर्राज्यीय परिषद के अध्यक्ष
- राष्ट्रीय एकता परिषद
- ऐसे ही अन्य कई परिषद हैं जिनकी अध्यक्षता का दायित्व प्रधानमंत्री का होता है।
छोटी-छोटी मगर बड़े काम की बातें
- निर्वाचन– जब जनता द्वारा या किसी सदन द्वारा किसी अथवा किसी समूह द्वारा कुछ लोगों में से किसी एक व्यक्ति को चुना जाता है तो वह निर्वाचन कहलाता है। उदाहरणार्थ- लोकसभा के सदस्य।
- नियुक्ति– जब किसी समूह द्वारा किसी एक व्यक्ति का नाम प्रस्तावित (suggest) किया जाता है तथा उसके बाद उसे पद के लिए चुन लिया जाता है तो उसे नियुक्ति कहते हैं। उदाहरणार्थ- प्रधानमंत्री।
- लोकसभा का सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए।
- राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।
- सांसदों का वेतन संसद द्वारा ही तय किया जाता है।
- प्रधानमंत्री के रुप में सबसे लंबा कार्यकाल पं. जवाहरलाल नेहरू का रहा। वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।
- भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी रहीं।
- पहली गैर-कांग्रेसी सरकार में मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने।
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ऐसे प्रधानमंत्री थे जो कभी संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सके। प्रधानमंत्री बनने के साढ़े पांच महीने बाद ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा डे दिया था।
- चौधरी चरण सिंह को भारत का प्रथम किसान प्रधानमंत्री भी कहा जाता है।
- वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
- नरेंद्र मोदी स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री हैं, इनका जन्म 1950 में गुजरात में हुआ था।
- अटल बिहारी वाजपेयी के बाद नरेंद्र मोदी ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने गैर-कांग्रेसी सरकार में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई है।
- नरेंद्र मोदी भारत के 14 वें प्रधानमंत्री हैं।
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