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कैसे निर्धारित की जाती है भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा? | How is the security of the Prime Minister of India determined?

चर्चा में क्यों? | Why in News?

बीते 5 जनवरी को पंजाब में आयोजित एक कार्यक्रम में जाते समय प्रधानमंत्री के काफिले को एक फ्लाइओवर पर 15-20 मिनिट तक इंतजार करना पड़ा।

किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते प्रधानमंत्री के काफिले को पंजाब के फिरोजपुर जिले के पास रुकना पड़ा था जिसके बाद उन्होंने अपने कार्यक्रम रद्द कर दिए और इस पूरे मामले को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक बताया गया।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा योजना | Prime Minister’s Security Scheme

प्रधानमंत्री की सुरक्षा योजना की पृष्ठभूमि | Background of Prime Minister’s Security Scheme

बीते कई दशकों में हमें प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा में चूक के मामले देखने को मिले हैं।

  • फरवरी, 1967- तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भुवनेश्वर में एक चुनावी रैली के दौरान ईंट से हमला किया गया था।
  • 31 अक्टूबर, 1984- प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई।
  • 2 अक्टूबर, 1986- प्रधानमंत्री राजीव गांधी की राजघाट यात्रा के दौरान उन पर गोलियाँ चलाई गईं।
  • इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ‘स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) एक्ट, 1988’ पारित किया गया और प्रधानमंत्री की सुरक्षा विशेष सुरक्षा समूह या SPG को सौंप दी गई।
  • यदि हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा की बात करें तो प्रधानमंत्री की किसी भी यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा की एक व्यापक योजना बनाई जाती है जिसमें केंद्रीय एजेंसियाँ और राज्य पुलिस बल दोनों शामिल होते हैं।
  • इससे जुड़े व्यापक दिशा-निर्देशों को SPG के ‘ब्लू बुक’ कह जाने वाले दस्तावेज में निर्धारित किया गया है।
  • प्रधानमंत्री की किसी भी नियोजित यात्रा से तीन दिन पहले SPG एक अनिवार्य अग्रिम सुरक्षा संपर्क (ASL) रखता है, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी, राज्य पुलिस अधिकारी और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट सहित कार्यक्रम की सुरक्षा से जुड़े सभी लोग शामिल होते हैं।
  • इन अधिकारियों के बीच प्रधानमंत्री की यात्रा के हर मिनट का विवरण और आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की जाती है।
  • सुरक्षा बैठक में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का विवरण, यातायात मार्ग, उपयोग किये जाने वाले वाहन, आयोजन स्थल की सुरक्षा, कार्यक्रम में आने वालों की तलाशी, अग्नि से सुरक्षा और मौसम इत्यादि के विषय पर ध्यान दिया जाता है।
  • सुरक्षा बैठक समाप्त होने के बाद, एक ASL रिपोर्ट तैयार की जाती है और इसमें भाग लेने वाले सभी लोगों द्वारा हस्ताक्षर किये जाते हैं।

योजना में अचानक बदलाव आने की स्थिति में क्या होता है? | What happens in the event of a sudden change in plan?

  • ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक आकस्मिक योजना हमेशा पहले से बनाई जाती है।
  • उदाहरण के लिए अगर खराब मौसम के कारण, प्रधानमंत्री कार्यक्रम स्थल के लिए उड़ान नहीं भर सकते तब सड़क मार्ग से एक वैकल्पिक योजना पहले से ही बनाई जाती है, मार्ग को साफ किया जाता है और सड़क पर सुरक्षा व्यवस्था की जाती है।
  • उत्तर-प्रदेश के एक पूर्व डीजीपी के मुताबिक SPG, प्रधानमंत्री को सिर्फ नजदीकी सुरक्षा मुहैया कराता है; जब प्रधानमंत्री किसी राज्य की यात्रा कर रहे होते हैं, तो समग्र सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य पुलिस की होती है।
  • इसके अलावा सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे के बारे में इनपुट प्रदान करने के लिए केंद्रीय खुफिया एजेंसियाँ जिम्मेदार होती हैं; हालाँकि PM की सुरक्षा व्यवस्था कैसे की जाए, इस पर अंतिम फैसला SPG ही करता है।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की तैयारियाँ | Preparations for Prime Minister’s programs

  1. सार्वजनिक कार्यक्रमों, जनसभाओं, रैलियों और रोड-शो के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा में पुलिसकर्मियों के अलावा, सादे कपड़ों में सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने के लिए SP स्तर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाती है।
  2. विरोध प्रदर्शनों की संभावना के दौरान आमतौर पर स्थानीय स्तर पर खुफिया जानकारी रखी जाती है और ऐसे समूहों के खिलाफ निवारक कार्यवाई (preventive action) की जाती है।
  3. अगर कोई ऐसा योजनाबद्ध विरोध होता है जिसे रोक नहीं जा सकता है, तो ऐसे मार्ग पर जाने से बचा जा सकता है।

वर्तमान मामले की स्थिति | current case status

5 जनवरी को पंजाब में क्या हुआ? | What happened in Punjab on 5th January?

  • पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने अचानक योजना में बदलाव किया था और वायु मार्ग के स्थान पर सड़क मार्ग से जाने का चयन किया था।
  • जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के बारे में पहले ही बता दिया गया था।
  • गृह मंत्रालय के मुताबिक पंजाब पुलिस के DGP द्वारा आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि के बाद ही प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े थे।
  • बहरहाल इस मामले की जाँच के लिए पंजाब सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर केंद्र की प्रतिक्रिया | Center’s response to Prime Minister’s security

  • केंद्र सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम को पंजाब सरकार और पुलिस की नाकामी बताया है।
  • केंद्र सरकार पंजाब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विशेष सुरक्षा समूह (SPG) अधिनियम के तहत कार्यवाई करने पर विचार कर रही है।
  • SPG अधिनियम की ‘धारा 14’ राज्य सरकार को पीएम की यात्रा के दौरान SPG को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए जिम्मेदार बनाती है।
  • इसके अलावा केंद्र सरकार ने मामले की जाँच के लिए कैबिनेट सचिवालय के सुरक्षा मामलों के सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश | Supreme Court’s direction regarding the security of the Prime Minister

  • इस मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा से संबंधित सभी यात्रा रिकार्ड की सुरक्षा का आदेश दिया है।
  • यह आदेश प्रधानमंत्री की सुरक्षा में उल्लंघन के आरोपों की जाँच अदालत की निगरानी में कराए जाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।
  • पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिया गया है कि राज्य में प्रधानमंत्री की यात्रा से संबंधित सभी रिकार्ड और सामग्री को तुरंत पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-जनरल की कस्टडी में सुरक्षित किया जाए।
  • इसके अलावा पंजाब सरकार और केंद्र सरकार द्वारा गठित दोनों समितियों को 10 जनवरी तक जाँच रोक देने के निर्देश दिए गए।

निष्कर्ष | Conclusion

  • देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।
  • सुरक्षा में चूक एक गंभीर मामला है।
  • दोनों सरकारों द्वारा जाँच के लिए पैनल का गठन
  • किसी भी विवाद से बचने और मामले की निष्पक्ष जाँच के लिए कोर्ट की निगरानी में जाँच कराया जाना जरूरी
  • दोषियों के खिलाफ कार्यवाई आवश्यक

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