NCB क्या है? और इसकी स्थापना
- इसकी स्थापना 1986 में की गई
- यह गृह मंत्रालय के अधीन सर्वोच्च समन्वय एजेंसी है।
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट 1985, जो 14 नवंबर 1985 से लागू हुआ, उसके तहत केंद्र सरकार की शक्तियों और कार्यों का उपयोग करने के उद्देश्य से इस केंद्रीय प्राधिकरण का गठन किया गया।
यह अपने जोन और सब-जोन के माध्यम से एक प्रवर्तन एजेंसी के रुप में भी कार्य करता है।
NCB के उद्देश्य एवं कार्य
- नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रॉपिक पदार्थों पर राष्ट्रीय नीति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 पर आधारित है।
- यह नीति राज्य को औषधीय प्रयोजनों को छोड़कर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दवाओं के निषेध के बारे में प्रयास करने का निर्देश देती है।
- यह संगठन वर्तमान में लागू होने वाले विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और प्रोटोकॉल के तहत नशीले पदार्थों के अवैध यातायात के खिलाफ काउन्टर उपायों के संबंध में दायित्व का कार्यान्वयन करता है।
- इसका प्रमुख कार्य ड्रग और मादक पदार्थों के अवैध यातायात की रोकथाम और दमन के लिए समन्वय
- सार्वभौमिक कार्यवाई की सुविधा के लिए संबंधित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में कार्यरत अधिकारियों की सहायता करना
- मादक पदार्थों के मामलों के संबंध में संबंधित मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा उठाए गए कार्यों का समन्वय
कुछ अन्य तथ्य
- नशाखोरी नियंत्रण केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
- यह मादक दवाओं में अवैध ट्रैफिक से प्राप्त या उपयोग की गई संपत्ति के लिए दंड प्रावधान करता है।
- भारत नारकोटिक ड्रग्स पर एकल कन्वेंशन 1961 का एक हस्ताक्षरकर्ता देश है।
- भारत साइकोनोटॉपिक सब्सटेंस पर कन्वेंशन 1972 के प्रोटोकॉल और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोटॉपिक सब्स्टेंस में अवैध यातायात के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन आदि का भी समर्थनकर्ता देश है।
साथियों यदि आपको इस लेख से जुड़ा कोई भी सवाल हो तो Comment में जरूर बताएं, और अगर आपको लगता है की इसे और बेहतर किया जा सकता है तो अपने सुझाव देना ना भूलें।
ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए GS blog पर आते रहें, तथा इसे और बेहतर बनाने में अपना सहयोग दें।