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मौलिक अधिकार या मूल अधिकार- 2

जैसा कि हम मौलिक अधिकार या मूल अधिकार-1 में पहले ही पढ़ चुके है, मौलिक अधिकार किसी व्यक्ति के लिए वे मूलभूत अधिकार हैं जो व्यक्ति को अपना विकास करने के लिए अनिवार्य होते हैं। हम भारतीयों को हमारे संविधान के अनुसार 6 मौलिक अधिकार दिए गए हैं-

  1. समता/समानता का अधिकार (अनु. 14 से 18)
  2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनु. 19 से 22)
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनु. 23 से 24)
  4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनु. 25 से 28)
  5. सांस्कृतिक एवं शिक्षा से संबंधित अधिकार (अनु. 29 से 30)
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनु. 32)

इससे पहले हम मौलिक अधिकार या मूल अधिकार-1 में पहले 3 मौलिक अधिकारों को detail में पढ़ चुके हैं। अब हम बाकी 3 अधिकारों को यह देखेंगे।

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

इस अधिकार का वर्णन हमारे संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 में किया गया है। और जैसा की हम प्रस्तावना में देख चुके हैं की हमारे देश का कोई धर्म नहीं होगा अर्थात् व्यक्ति के धार्मिक मामलों में देश का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा क्यूंकि हम एक पंथनिरपेक्ष राज्य हैं। धार्मिक स्वतंत्रता से अभिप्राय क्या है, यह हम निम्न प्रकार समझ सकते हैं-

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  • अनुच्छेद 25 – इस अनुच्छेद के अनुसार व्यक्ति को अपना धर्म मानने, उसका आचरण करने एवं अपने धर्म का प्रसार करने की स्वतंत्रता है।
  • अनुच्छेद 26 – धार्मिक प्रबंधन करने की प्रक्रिया यानि धार्मिक क्रियाकलाप करने की स्वतंत्रता है
  • अनुच्छेद 27 – धार्मिक संपोषण की स्वतंत्रता अर्थात् इस अनुच्छेद में धार्मिक कार्यों में कर (tax) संबंधी छूट दी जाती है।
  • अनुच्छेद 28 – इस अनुच्छेद में व्यक्ति को धार्मिक शिक्षा, उपासना आदि में शामिल होने की स्वतंत्रता दी गई है।

सांस्कृतिक एवं शिक्षा संबंधी अधिकार

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यह मौलिक अधिकार केवल अल्पसंख्यकों को ही दिया गया है, अन्य बहुसंख्यकों पर यह लागू नहीं होता।

  1. अनुच्छेद 29 – इस अनुच्छेद में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा की बात की गई है।
  2. अनुच्छेद 30 – अल्पसंख्यकों के शिक्षा संबंधी अधिकारों का संरक्षण इस अनुच्छेद में किया गया है। इसमें अल्पसंख्यकों को अपने शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से अपनी संस्कृति का विकास करने का अधिकार दिया गया है।

संवैधानिक उपचारों का अधिकार

इस अधिकार से हमें अपने मौलिक अधिकारों का संरक्षण दिया गया है, यह सुनिश्चित किया गया की यदि अन्य किसी भी मौलिक अधिकार का हनन होने पर नागरिक सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय जा सकता है।

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अनुच्छेद 26 के तहत सुप्रीम कोर्ट व अनुच्छेद 226 के तहत high कोर्ट रिट (writ) जारी करता है।

अनुच्छेद 32 के अंतर्गत उपरोक्त अधिकारों को लागू करने के लिए 5 न्यायिक रिटों का प्रावधान है, जो कि निम्न हैं-

  1. बंदी प्रत्यक्षीकरण – जब किसी व्यक्ति को अवैध रूप से बंदी बनाया जाता है तो सर्वोच्च न्यायालय उस बंदी बनाने वाले अधिकार को आदेश देता है कि वह बंदी बनाए गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर न्यायालय के समक्ष पेश करे। यह आपराधिक मामलों में जारी नहीं किया जा सकता।
  2. परमादेश – यह आदेश न्यायालय द्वारा तब दिया जाता है जब कोई सरकारी अधिकार अपने कर्तव्यों का निर्वाह यानि पालन ठीक से नहीं करता है।
  3. प्रतिषेध – इस आदेश को ऊपरी न्यायालय जारी करता है तथा निचले न्यायालय को ऐसे कार्य करने से रोकता है जो उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
  4. अधिकार पृच्छा लेख – यह एक व्यक्ति को सरकारी कार्यालय में काम करने से रोकता है जिसके लिए वह काबिल नहीं है, उसके कार्यक्षेत्र से बाहर है।
  5. उत्प्रेक्षण – इस आदेश को भी ऊपरी अदालत द्वारा जारी किया जाता है, यह तभी जारी किया जाता है जब एक न्यायालय अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य करता है। इस आदेश से ऊपरी न्यायालय किसी ऐसे मामले को अपने पास मँगवा लेता है जो की निचले न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • संवैधानिक उपचारों के अधिकार को डॉ अंबेडकर ने संविधान की आत्मा भी कहा है।
  • अनुच्छेद 26 के तहत सुप्रीम कोर्ट व अनुच्छेद 226 के तहत high कोर्ट रिट (writ) जारी करता है।

भागअनुच्छेद संख्याविवरण
भाग 1अनुच्छेद 1 से 4संघ और उसका राज्य क्षेत्र, नए राज्य का निर्माण  
भाग 2अनुच्छेद 5 से 11नागरिकता
भाग 3अनुच्छेद 12 से 35मौलिक अधिकार
भाग 4अनुच्छेद 36 से 51राज्य के नीति-निदेशक सिद्धांत
भाग 4Aअनुच्छेद 51Aनागरिकों के मौलिक कर्तव्य (1976 के 42वें संविधान संशोधन से जोड़ा गया)
भाग 5  अनुच्छेद 52 से 151संघ सरकार से संबंधित
भाग 6  अनुच्छेद 152 से 237राज्य सरकार से संबंधित
भाग 7  अनुच्छेद 238प्रथम अनुच्छेद के भाग B से जुड़ा है। 1956 में 7वें संविधान संशोधन से हट दिया गया।
भाग 8  अनुच्छेद 239 से 242केंद्रशासित प्रदेशों का प्रशासन
भाग 9243 से 243ओपंचायतें
भाग 9A243P से 243ZGनगरपालिका
भाग 18  अनुच्छेद 352 से 360आपात उपबंध
भाग 19  अनुच्छेद 361 से 367प्रकीर्ण/विविध
भाग 20  अनुच्छेद 368संविधान संशोधन
भाग 21अनुच्छेद 369 से 392अस्थायी, परिवर्तित और विशेष कानून
भाग 22अनुच्छेद 393 से 395संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन

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