मिशन समुद्रयान
हाल ही में भारत का पहला और अनूठा मानवयुक्त समुद्र मिशन ‘समुद्रयान’ (Mission Samudrayan) चेन्नई से लॉन्च किया गया। इस मिशन में मत्स्य 6000 (MATSYA 6000) का इस्तेमाल गहरे पानी में जाने में सक्षम वाहन (underwater vehicle) के रुप में किया जाएगा।
मिशन की शुरुआत के साथ ही भारत भी अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीन के समूह में शामिल हो जाएगा। इन देशों के पास समुद्र के भीतर की गतिविधियों हेतु मानवयुक्त मिशन की क्षमता है।
मिशन समुद्रयान की मुख्य विशेषताएं
- इस मिशन के तहत आगामी एक या दो वर्षों में समुद्र की गहराई में जाकर उप-समुद्री गतिविधियों को अंजाम दिया जाएगा।
- इस मिशन का कार्यान्वयन राष्ट्रीय समुद्र प्रोद्योगिकी संस्थान (NIOT) द्वारा किया जाएगा।
- यह प्रोजेक्ट डीप ओशन मिशन (Deep Ocean Mission) का हिस्सा होगा।
- इस मिशन के तहत समुद्र में 1000 से 5500 मीटर की गहराई में पाए जाने वाले पॉलिमेटेलिक मैंगनीज़ नोड्यूल्स, गैस हाइड्रेट्स, हइड्रो-थर्मल सल्फाइड्स और कोबाल्ट क्रस्ट जैसे निर्जीव संसाधनों का अन्वेषण किया जाएगा।
मत्स्य 6000 क्या है?
मत्स्य 6000 एक कैप्सूल की तरह का डीप-सी व्हीकल (Deep-Sea Vehicle) है। यह एक साथ तीन व्यक्तियों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया यह वाहन अधिकतम 6000 मीटर की गहराई तक जाने में सक्षम है। यह वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही तक परीक्षण के लिए तैयार होगा।
इसे इसरो (ISRO) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। इसकी सामान्य परिचालन क्षमता 12 घंटे की होगी, जिसे समुद्र के भीतर आपातकालीन स्थिति में 96 घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा। यह वाहन विशेष प्रकार की टाइटेनियम धातु से बना है।
गौरतलब है कि इससे संबंधित लगभग सभी तकनीकी की समीक्षा और प्रमाणन ‘इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ क्लासिफिकेशन सोसाइटीज़ (IACS)’ के नियमों के अनुसार की गई है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- IACS एक गैर-लाभकारी संगठन है जो समुद्री सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को संबोधित करने वाले न्यूनतम तकनीकी मानकों और आवश्यकताओं को स्थापित करता है।
- IACS को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के प्रमुख तकनीकी सलाहकार के रुप में मान्यता प्राप्त है।
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nice post Indian Defence News