राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है?
- इस योजना को वर्ष 2014 में लॉन्च किया गया था।
- संबंधित मंत्रालय- मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
मिशन के घटक
- राष्ट्रीय बोवाइन प्रजनन कार्यक्रम
- राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन
मिशन का उद्देश्य
- मवेशियों की स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण करना
- स्वदेशी नस्लों के लिए सुधार कार्यक्रम चलाना ताकि आनुवंशिक संरचना में सुधार हो
- गिर, साहिरवाल, राठी, देओनी, थारपरकर, लाल सिंधी जैसी उत्कृष्ट स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके मवेशियों का उन्नयन करना
- प्राकृतिक सेवा के लिए रोग मुक्त एवं उच्च आनुवंशिक गुण वाले सांड का वितरण करना
- किसानों के घर पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं की व्यवस्था करना
- पशुधन एवं पशुधन उत्पादों के व्यापार में वृद्धि करना
मिशन के तहत पहल
गोपाल रत्न पुरस्कार
स्वदेशी नस्लों के पशुओं को अच्छे से रख-रखाव करने के लिए यह पुरस्कार किसानों को दिया जाता है।
कामधेनु पुरस्कार
स्वदेशी नस्लों के पशुओं को अच्छे से रख-रखाव करने के लिए यह पुरस्कार संस्थानों, ट्रस्ट, गैर-सरकारी संगठनों या गौशाला को दिया जाता है।
गोकुल ग्राम
- यह एक तरह का एकीकृत मवेशी विकास सेंटर है।
- यहाँ पर वैज्ञानिक तरीके से स्वदेशी मवेशियों को पाला जाता है।
- पशु अपशिष्ट से पैसा कमाना
ई-पशु हाट-नकुल प्रजनन बाजार
- किसान और प्रजनकों को जोड़ने वाला एक ई-मार्केट पोर्टल
- ब्रीडर्स में वे पेशेवर लोग आते हैं जो मवेशियों (नार-मादा के बीच) में प्रजनन संबंधी कार्य करवाते हैं।
राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र
- इस मिशन के तहत देश में दो “राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र” की स्थापना की जा रही है।
- एक आंध्रप्रदेश में एवं दूसरा मध्यप्रदेश में
- आंध्रप्रदेश में यह सेंटर बन कर तैयार हो गया है जबकि मध्यप्रदेश में अभी बनाया जा रहा है।
- यह केंद्र वैज्ञानिक तरीके से समग्र रुप से स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रुप में काम करेगा।
- यह सेंटर सभी स्वदेशी नस्लों की स्वदेशी जर्मप्लाज्म का भंडार होगा।
- जर्मप्लाज्म के अंतर्गत सिमन, भ्रूण, बछड़ा, बछिया आदि आते हैं।