भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान’ को अगस्त, 2022 (संभावित माह) में लॉन्च करने के लिए तैयार है।
इससे संबंधित कई हार्डवेयर और उनके विशेष परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं।
चंद्रयान-3 मिशन क्या है? | What is Mission Chandrayaan-3?
- जैसा कि नाम से पता चलता है, चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 मिशन का उत्तराधिकारी है
- इसे चंद्रमा की सतह पर एक और सॉफ्ट-लैंडिंग के लिए भेजा जाएगा।
- इसमें एक ऑर्बिटर और एक लैंडिंग मॉड्यूल होगा।
- हालाँकि, इस ऑर्बिटर को चंद्रयान-2 जैसे वैज्ञानिक उपकरणों से लोड नहीं किया जाएगा।
- इसका काम केवल लैंडर को चंद्रमा तक ले जाने, उसकी कक्षा से लैंडिंग की निगरानी करने तक सीमित होगा।
- साथ ही यह लैंडर और अर्थ स्टेशन के बीच संचार स्थापित करने में मदद करेगा।
चंद्रयान-2 मिशन | Chandrayaan-2 Mission
- चंद्रयान-2 में एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल थे, ये सभी चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक उपकरणों से लैस थे।
- ऑर्बिटर का काम 100 किलोमीटर की कक्षा से चंद्रमा की निगरानी करना था जबकि लैंडर को चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- चंद्रयान-2 के रोवर को ‘प्रज्ञान’ नाम दिया गया था।
- हालाँकि, क्रैश-लैंडिंग के कारण रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक नहीं पहुँच सका था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन | Indian Space Research Organization | ISRO
- यह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत एक अंतरिक्ष एजेंसी है।
- इसका मुख्यालय कर्नाटक के बेंगलुरू में स्थित है।
- इसका उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान अनुसंधान और ग्रहों की खोज को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय विकास के लिए अंतरिक्ष प्रोद्योगिकी का उपयोग करना है।