केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया। यह बजट ऐसे समय में पेश किया गया है जब भारत कोविड-19 की तीसरी लहर से उबर रहा है और देश में सैंकड़ों युवा लगातार बेरोजगारी का विरोध कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बजट से एक दिन पहले संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था। इसमें सरकार के लिए राजकोषीय उपलब्धता, महामारी के बाद की रिकवरी, मुद्रास्फीति, ऊर्जा की कीमतों और वैश्विक अनिश्चितताओं सहित कई पहलुओं का विश्लेषण किया गया।
केंद्रीय बजट 2022-23
“अर्थव्यवस्था की तेजी से वापसी और रिकवरी हमारे देश के मजबूत लचीलेपन को दर्शाती है।”
वित्तमंत्री श्रीमती निर्मल सीतारमण
बजट के प्रमुख बिंदु (क्षेत्रवार)-
कृषि (Agriculture)
- सरकार MSP संचालन के तहत गेहूँ और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करेगी।
- 2022-23 को बाजरा (Millets) के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रुप में घोषित किया गया है।
- रेलवे, छोटे किसानों और MSME के लिए नए उत्पाद विकसित करेगा।
- आयात कम करने के लिए घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाने की बेहतर योजना लाई जाएगी।
- ‘किसान ड्रोन’ के जरिए फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव आदि से कृषि क्षेत्र में तकनीक का उपयोग बढ़ने की उम्मीद है।
- 44,605 करोड़ रुपए की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना की घोषणा
- गंगा नदी कॉरीडोर के किनारे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- किसानों की स्थायी कृषि उत्पादकता और आय को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी।
- कृषि और ग्रामीण उद्यमों से जुड़े स्टार्टअप्स को वित्तपोषित करने के लिए नाबार्ड के माध्यम से सह-निवेश मॉडल के तहत एक फंड की सुविधा दी जाएगी।
- मंत्रालयों द्वारा खरीद के लिए पूरी तरह से पेपरलेस, ई-बिल प्रणाली शुरू की जाएगी।
- कृषि वानिकी को अपनाने के लिए किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
वित्त (Finance)
- छोटे और माध्यम आकार के व्यवसायों के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा।
- ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्यवाई सरकार की प्रमुख प्राथमिकता होगी।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम को नए कानून से बदल जाएगा।
- समाधान प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए दिवाला संहिता में संशोधन करना।
- कंपनियों को बंद करने की प्रक्रिया को मौजूदा 2 साल से घटाकर 6 महीने करने का लक्ष्य।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन सरचार्ज को 15% पर कैप किया जाएगा।
कर (Taxation)
- कुछ रसायनों पर आयात शुल्क कम किया जाएगा।
- छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए स्टील स्क्रैप पर सीमा शुल्क छूट एक और वर्ष के लिए बढ़ाई जाएगी।
- स्टेनलेस स्टील, फ्लैट उत्पादों, उच्च स्टील बार पर सीमा शुल्क रद्द किया जाएगा।
- गैर-मिश्रित ईंधन पर अक्टूबर 2022 से 2 रुपए प्रति लीटर का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
घाटा/व्यय (Deficit/Expenditure)-
- वित्त वर्ष 2025-26 तक सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% के राजकोषीय घाटे का प्रस्ताव
- 2022-23 में GDP का 6.4% राजकोषीय घाटे का अनुमान
- 2021-22 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटा GDP का 6.9%
- 2022-23 में कुल खर्च 39.45 ट्रिलियन
- राज्यो को वित्त वर्ष 2022-23 में GDP के 4% राजकोषीय घाटे की अनुमति दी जाएगी।
- 2022-23 में पूँजी निवेश खर्च के लिए राज्यों को 1 ट्रिलियन की वित्तीय सहायता योजना
डिजिटल मुद्रा (Digital Currency)
- वित्त वर्ष 2022-23 से ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके डिजिटल रुपया लॉन्च करने की तैयारी
- वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों के कराधान के लिए योजना शुरू करना।
- वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई अन्य आय से नहीं की जा सकेगी।
- वर्चुअल डिजिटल संपत्ति से होने वाली आय पर 30% कर लगाया जाएगा।
रक्षा (Defense)
- रक्षा क्षेत्र में आयात कम करने और आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
- रक्षा क्षेत्र के लिए पूँजी का 68% स्थानीय उद्योग के लिए निर्धारित किया जाएगा।
अवसंरचना और मैन्युफैक्चरिंग (Infra & Manufacturing)
- 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी 2022 में होगी
- डिजिटल इंफ्रा को बढ़ावा देने के लिए डैश स्टैक ई-पोर्टल लॉन्च किया जाएगा।
- एयर इंडिया के स्वामित्व का रणनीतिक हस्तांतरण अब पूरा हो गया है।
- FY23 में चार मल्टी-मॉडल राष्ट्रीय उद्यान अनुबंध प्रदान किए जाएंगे।
- एक्स्प्रेस-वे के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान अगले वित्तीय वर्ष में तैयार किया जाएगा।
- अगले तीन वर्षों में 100 पीएम गति शक्ति टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे।
- पीएम गति शक्ति योजना, अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगी और युवाओं के लिए अधिक रोजगार और अवसर पैदा करेगी।
नौकरियां (Jobs)
- आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) मार्च 2023 तक बढ़ा दी गई है।
- अगले पाँच वर्षों में 60 लाख नौकरियाँ देने का प्रयास।
- कौशल और आजीविका के लिए डिजिटल इकोसिस्टम लॉन्च किया जाएगा।
- इसका उद्देश्य ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से नागरिकों को कौशल प्रदान करना है।
MSME और स्टार्टअप
- 5 वर्षों में MSMEs को रेट करने के लिए 6000 करोड़ रुपए के कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
- उद्यम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल जैसे MSME को आपस में जोड़ा जाएगा और उनका दायरा बढ़ाया जाएगा।
- ड्रोन शक्ति के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
- निवेश आकर्षित करने के लिए मदद के उपाय सुझाने हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।
- स्टार्टअप के लिए मौजूदा कर लाभ, जिनके तहत लगातार 3 वर्षों के लिए करों में छूट की पेशकश की गई थी, को 1 वर्ष और बढ़ाया जाएगा।
बिजली के वाहन (Electric Vehicle)
- ऑटोमोबाइल के लिए EV चार्जिंग स्टेशनों की अनुमति देने के लिए बैटरी स्वैपिंग नीति तैयार की जाएगी।
- EV पारिस्थितिकी तंत्र की दक्षता में सुधार के उद्देश्य से बैटरी और ऊर्जा के लिए टिकाऊ और नवोन्मेषी व्यवसाय मॉडल बनाने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जाएगा।
जलवायु और नेट ज़ीरो (Climate & Net Zero)
- ऊर्जा संक्रमण और जलवायु पर कार्यवाई सरकार के लिए प्रमुख प्राथमिकता होगी।
- जलवायु परिवर्तन के जोखिम दुनिया के लिए सबसे बड़ी बाहरी चुनौती है।
- धन का उपयोग उन परियोजनाओं के लिए किया जाएगा जो अर्थव्यवस्था में कार्बन इंटेंसिटी को कम करने में मदद करेंगी।
- वित्त वर्ष 2023 में सरकार के उधार कार्यक्रम के हिस्से के रुप में ग्रीन इंफ्रा को फंड करने के लिए सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड लॉन्च किया जाएगा।
- उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल के निर्माण के लिए PLI के तहत 19,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।
बजट के प्रभाव
- इस बजट का मेट्रो रेल से जुड़े मानकीकरण पर प्रभाव पड़ेगा।
- नल से जल योजना से पूंजीगत व्यय और ग्रामीण विकास पर फोकस
- डिजिटल मुद्रा के विस्तार से सरकार के डिजिटल समावेशन एजेंडे को बढ़ावा मिलेगा।
- पीएम गति शक्ति और अन्य बुनियादी कार्यक्रमों के तहत राजमार्ग नेटवर्क के विस्तार और नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेट्रो शहरों के आस-पास के छोटे शहरों को अधिक कुशल तरीके से जोड़ने में मदद मिलने की संभावना है।
- बैटरी स्वैपिंग नीति से EV के बुनियादी ढाँचे के विस्तार और EVs को अधिक व्यवहार में लाने में मदद मिलेगी।
- PLI योजना के विस्तार से 2030 तक 280 GW सौर क्षमता प्राप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- पूंजीगत व्यय में वृद्धि- सरकार का मानना है कि निजी निवेश को समर्थन देने के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाना आवश्यक होगा जो बदले में मांग पैदा करेगा।
- पर्वत-माला परियोजना से पहाड़ी क्षेत्रों में परिवहन से जुड़ी भीड़-भाड़ कम होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा का विकास डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।
बजट की चुनौतियाँ
- कोविड महामारी के दौरान और इसके बाद आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना।
- रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
- कृषि आय को बढ़ावा देना
- कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें
- 5G तकनीक से जुड़े स्पेक्ट्रम की कीमतों का निर्धारण
- जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर वित्त की उपलब्धता
- इस बजट में MSP नीतियों, मनरेगा और रक्षा क्षेत्र पर कोई विशेष चर्चा नहीं
निष्कर्ष
- इस वर्ष का बजट मुख्यतः पूंजीगत व्यय के जरिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और आर्थिक रिकवरी पर केंद्रित दिखाई देता है।
- ऐसे में सभी क्षेत्रों को समान विकास के अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है साथ ही कृषि, MSME, और रोजगार जैसे कुछ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना होगा।
Nice