GSblog

gsblog.in

BHUNT Malware | BHUNT मैलवेयर | क्रिप्टोकरेंसी

हाल ही में दिल्ली पुलिस की साइबरसेल ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कुछ घोटालों को पकड़ा है। आरोप के मुताबिक, कुछ लोगों ने दिल्ली के एक व्यवसायी से क्रिप्टोकरेंसी चुराई थी और उस राशि को फिलिस्तीनी संगठन हमास की सैन्य शाखा ‘अल-कासम ब्रिगेड’ के वॉलेट में स्थानांतरित कर दिया था।

स्थानांतरित की गई क्रिप्टोकरेंसी में बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य ई-वॉलेट मुद्रा शामिल थी।

ऐसे घोटालों के संचालन में गीज़ा, मिस्र, रामल्लाह और फिलिस्तीन जैसी जगहों के नाम सामने आए हैं जहाँ से इस धन का उपयोग आतंकी फंडिंग और चाइल्ड पॉर्नोग्राफी जैसे कृत्यों में किया गया था।

इसके अलावा एक नई रिपोर्ट में पता चला है कि साइबर अपराधी अब क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट की सामग्री, पासवर्ड और सुरक्षा से जुड़े डेटा की चोरी कर रहे हैं, जो उपयोगकर्ताओं के कंप्युटर में मौजूद क्रिप्टो वॉलेट से संबंधित है।

इससे जुड़े एक नए मैलवेयर ‘BHUNT’ का नाम सामने आया है।

क्रिप्टोकरेंसी

  • बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय और मूल्यवान क्रिप्टोकरेंसी है जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 26 लाख रुपए/बिटकॉइन है। 
  • सातोशी नाकामोतो नामक एक गुमनाम व्यक्ति/समूह ने इसका आविष्कार किया था और 2008 में एक श्वेत पत्र के माध्यम से इसे दुनिया के सामने पेश किया था।
  • आज बाजार में हजारों क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं जिसमें एथेरियम, लाइटकॉइन, बिटकॉइन कैश, डोज़कॉइन आदि कुछ अन्य प्रमुख नाम हैं।

BHUNT मैलवेयर

  • एक साइबर सुरक्षा फर्म बिटडिफेंडर के अनुसार, ‘BHUNT’ एक क्रिप्टो-वॉलेट चोरी करने वाला मैलवेयर है।
  • क्रिप्टो-वॉलेट एक प्रकार का डिजिटल पर्स होता है जिसमें कोई क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखी जाती है और इसे उपयोगकर्ता द्वारा एक प्राइवेट की (सुरक्षित पासवर्ड) का उपयोग करके ही खोला जा सकता है।
  • BHUNT मैलवेयर किसी उपयोगकर्ता द्वारा पायरेटेड सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते समय कंप्युटर में प्रवेश करता है और बिटकॉइन, एटॉमिक, लाइटकॉइन, एक्सोडस, इलेक्ट्रम, जैक्सएक्स और एथेरियम जैसे क्रिप्टो-वॉलेट्स पर हमला करता है।
  • हालाँकि कंप्यूटर वॉलेट को वेब और मोबाईल वॉलेट की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है क्योंकि ये अपना डेटा किसी थर्ड पार्टी के पास न रखकर अपनी ही इन्टर्नल मेमोरी (HDD/SDD) में स्टोर करते हैँ।
  • लेकिन यहाँ जानने वाली बात ये भी है कि BHUNT जैसे मैलवेयर्स को पायरेटेड सॉफ्टवेयर के साथ पैक किया जाता है जो टोरेंट या अन्य वेबसाईटों के उपयोग से डाउनलोड किए जाते हैं।
  • एक बार किसी कंप्युटर में मैलवेयर इंस्टॉल हो जाने पर, यह उपयोगकर्ताओं के वॉलेट-फंड को दूसरे वॉलेट में स्थानांतरित कर सकता है और संक्रमित कंप्यूटर में मौजूद अन्य निजी डेटा को भी चुरा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी और भारत

  • वर्तमान में, भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर अभी कोई कानून लागू नहीं है।
  • The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लाए जाने की बात चल रही है।
  • भारत सरकार द्वारा एक अधिकारिक डिजिटल मुद्रा लाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
  • सरकार द्वारा गठित एक अंतरमंत्रालयी समिति ने निजी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने पर सुझाव दिया है।
  • भारत की कुछ क्रिप्टोकरेंसी कंपनियाँ- WazirX, CoinDCX, CoinSwitch Kuber इत्यादि।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चुनौतियाँ

  1. साइबर अपराध
  2. मनी लॉन्ड्रिंग
  3. आतंकवाद
  • हाल ही में आयोजित हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक, आतंकवादी वित्तपोषण के खतरों, प्रवृतियों और सुरक्षा परिषद संकल्प 2462 के कार्यान्वयन पर आधारित थी।
  • इस बैठक में भारत ने सदस्य देशों से आतंकवाद को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप काउन्टर-फाईनेंसिंग संरचनाओं को मजबूत करने का आग्रह किया।
  • भारत ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल क्राउडसोर्सिंग सहित नई वित्तीय और भुगतान प्रोद्योगिकियाँ, आतंकवादी समूहों को धन एकत्र करने और स्थानांतरित करने में सक्षम बना रही हैं।
  • भारत के मुताबिक ब्लॉकचेन तकनीक, वर्चुअल/ क्रिप्टोकरेंसी, प्रीपेड फोन कार्ड आदि के दुरुपयोग ने आतंकवाद के वित्तपोषण (CFT) को रोकने के प्रयासों को बाधित किया है।
  • कोविड महामारी के दौरान नकली चैरिटी और नकली गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) के प्रसार ने इस जोखिम को और बढ़ा दिया है।
  • आतंकवादी संगठन काले बाजार में ड्रग्स, हथियारों और अन्य वस्तुओं का व्यापार करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते हैं।
  • उदाहरण के लिए, ‘फंड द इस्लामिक स्ट्रगल विदाउट लिविंग अ ट्रेस’ एक डार्क वेबसाईट है जिसका इस्तेमाल जिहादियों को बिटकॉइन ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
  • कुछ चरमपंथियों ने ‘बिटकॉइन वा सदाकत अल जिहाद’ नामक एक किताब भी प्रकाशित की है, जो स्पष्ट रुप से सिखाती है कि उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप से मूल्यवान बिटकॉइन को जिहादियों को कैसे स्थानांतरित किया जाए।
  • बताया गया है कि 2016 में जकार्ता में आतंकवादी हमलों के योजनाकार ने हथियारों और आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन हस्तांतरित करने के लिए बिटकॉइन का उपयोग वर्चुअल पेमेंट के तौर पर किया था।

ये भी जानें- क्रिप्टोकरेंसी क्या है? | भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य | What is Cryptocurrency? | Future of Cryptocurrency in India

निष्कर्ष

  • क्रिप्टोकरेंसी का विनियमन और जागरूकता की जरूरत
  • अनुसंधान और विकास, वैश्विक साझेदारी आवश्यक
  • FATF के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को सख्ती से लागू किया
  • वर्चुअल करेंसी से जुड़े विशेषज्ञों के साथ साझेदारी

प्रशिक्षण– क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग और इसके लेन-देन का ज्ञान आतंकवादियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के अवैध उपयोग का पता लगाने, संग्रह करने और रोकने में सहायता कर सकता है।

फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद की फंडिंग से जुड़े मामलों को देखता है।

Current Gk Tags:, , , , ,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RSS
WhatsApp