बीज ग्राम योजना (BGY)
- इस योजना की शुरुआत वर्ष 2014-15 में हुई थी।
- यह एक केंद्र क्षेत्रक योजना है।
- नोडल मंत्रालय- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
- यह “बीज और पौधा रोपण सामग्री पर उप-मिशन” के तहत एक उप योजना है।
BGY के उद्देश्य
- किसान द्वारा सुरक्षित रखे गए बीजों की गुणवत्ता में सुधार करना।
- रियायती दर पर गुणवत्तापूर्ण/ प्रमाणित बीज उपलब्ध कराना।
- प्रमाणित बीजों के उपयोग से बीज रिपलेसमेंट दर (SRR) में बढ़ोतरी करना।
- बीज उत्पादन में गाँवों को आत्मनिर्भर बनाना।
BGY की विशेषताएं
- इसके तहत किसानों को रियायती दर पर (एक एकड़ प्रति किसान तक) प्रमाणित/ फाउंडेशन बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।
- अनाज फसलों के बीज लागत का 50% पर
- दलहन, तिलहन, चारा और हरी खाद वाली फसलों के बीज लागत का 60% पर
- बीज ग्रामों में क्लस्टरों का आयोजन कर गाँवों में गुणवत्तापूर्ण/ प्रमाणित बीजों के उत्पादन में बढ़ोतरी की जाएगी।
- किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज पैदा करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी।
- कई संगठनों द्वारा योजना का क्रियान्वयन किया जाता है-
- राज्य कृषि विभाग, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य बीज निगम, भारतीय राज्य फार्म निगम (SFCI), राज्य बीज प्रमाणन एजेंसियां, बीज प्रमाणन विभाग।
- राज्य सरकार द्वारा एक क्षेत्र के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी की पहचान की जाएगी।
बीज ग्राम योजना का महत्व
- खेत में सहेजे गए बीजों को गुणवत्तापूर्ण/ प्रमाणित बीजों से बदल दिया जाएगा, जिससे कृषि उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी।
- योजना के तहत 4.29 लाख बीज ग्राम बनाए गए, जहाँ 38.01 लाख क्विंटल सर्टिफाइड बीज रियायती दर पर बाँटे गए।
BGY से जुड़े कुछ अन्य तथ्य
- बीज रिप्लेसमेंट दर (SRR): यह गुणवत्तापूर्ण/ प्रमाणित बीजों का उपयोग करके बोए गए क्षेत्र की माप है।
- बीज और पौधा रोपण सामग्री पर उप-मिशन: यह किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज का उत्पादन और आपूर्ति करने से संबंधित है।
- इसके कॉम्पोनेंट में शामिल हैं-
- बीज ग्राम कार्यक्रम
- ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रोसेसिंग-सह-बीज भंडारण गोदाम की स्थापना
- राष्ट्रीय बीज भंडार
- निजी क्षेत्र में बीज उत्पादन को बढ़ावा देना