हाल ही में हिमाचल प्रदेश का 52वाँ स्थापना दिवस मनाया गया।
- इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हर महीने 60 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले परिवारों को मुफ़्त बिजली देने की घोषणा की है।
- 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश चीफ कमिश्नर के राज्यों के रुप में अस्तित्व में आया था।
- भारतीय संविधान लागू होने के साथ 26 जनवरी 1950 को हिमाचल प्रदेश ‘ग’ श्रेणी का राज्य बन गया।
- 1 जुलाई 1954 को बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में शामिल हुआ।
- हिमाचल प्रदेश 1 नवंबर 1956 में केंद्रशासित प्रदेश बना।
- 1 नवंबर 1966 को काँगड़ा और पंजाब के अन्य पहाड़ी इलाकों को हिमाचल में मिल दिया गया लेकिन इसका स्वरूप केंद्रशासित प्रदेश का ही रहा।
- संसद द्वारा दिसंबर 1970 में हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पास किया गया तथा नया राज्य 25 जनवरी 1971 को अस्तित्व में आया।
- इस तरह हिमाचल प्रदेश भारतीय गणराज्य का 18वाँ राज्य बना।
हाल ही में, कांग्रेस ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 30 स्टार प्रचारकों की एक सूची जारी की है।
- स्टार प्रचारक राजनेता या फिल्म स्टार कोई भी हो सकता है।
- जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत स्टार प्रचारक द्वारा चुनाव प्रचार पर होने वाला खर्च संबंधित राजनीतिक दल द्वारा वहन किया जाता है न कि किसी एक उम्मीदवार द्वारा।
- जब प्रधानमंत्री स्टार प्रचारक हो तो सुरक्षा पर होने वाला खर्च सरकार वहन करती है।
नेशनल एसेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड (NARCL) की स्थापना के छह महीने बाद भी ‘बैड बैंक’ स्थापित करने का प्रस्ताव अभी तक शुरू नहीं हुआ है।
- बैड बैंक एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC) या एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) है जो वाणिज्यिक बैंकों के बैड लोन को खरीदती है। जिससे बैंक अपना बैलेंस शीट सही कर लेता है।
- बैंक ने जिसे अपना लोन दिया था अब उससे वसूलने का काम बैड बैंक करेगा।
- बैड बैंक उधार देने और जमा लेने का काम नहीं करते हैं। बल्कि वाणिज्यिक बैंकों की बैलेंस शीट को क्लियर करने में मदद करते हैं।
राष्ट्रपति द्वारा आर्मी के 6 जवानों को शौर्य चक्र के लिए चुना गया है।
- आजादी के बाद भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी 1950 को पहले तीन वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र स्थापित किए गए थे। ये युद्ध के दौरान किए गए वीरता एवं बलिदान के लिए दिए जाने वाले वीरता पुरस्कार हैं।
- इनकी स्थापना भले ही 26 जनवरी 1950 को हुई थी लेकिन 15 अगस्त 1947 से इसे प्रभावी माना गया था।
- जनवरी 1967 में इन पुरस्कारों का नाम बदलकर क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र का दिया गया। ये शांतिकाल के दौरान वीरता एवं बलिदान के लिए दिए जाने वाले पुरस्कार हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गृह मंत्रालय और अरुणाचल प्रदेश सरकार को चकमा और हाजोंग समुदायों के लोगों की नस्लीय प्रोफाइलिंग और स्थानांतरण के खिलाफ की गई कार्यवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
- चकमा और हाजोंग एथनिक कम्युनिटी 1964-65 में बांग्लादेश (भूतपूर्व पूर्वी पाकिस्तान) से आकर अरुणाचल प्रदेश में बस गई थी।
- ये पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और म्यांमार में पाए जाते हैं।
- बांग्लादेश से भागने के निम्नलिखित कारण थे-
- बांग्लादेश के कर्णफूली नदी पर कप्ताई बाँध (Kaptai Dam) बनने में चकमा समुदाय के लोगों की जमीन चली गई थी, जिसके कारण उन्हें वहाँ से भागना पड़ा।
- हाजोंग समुदाय के लोगों को धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा क्योंकि वे गैर-मुस्लिम थे और बंगाली भी नहीं बोल पाते थे।
- चकमा मुख्य रूप से बौद्ध हैं, जबकि हाजोंग हिंदू हैं।
- अरुणाचल प्रदेश को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के दायरे से बाहर रखा गया है, जबकि वर्तमान में ये समुदाय अरुणाचल प्रदेश में ही रह रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोड़े ‘विराट’ को विदाई दी।
- यह घोड़ा 13 गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले चुका है।
- Chief of Army Staff (COAS) Commendation Card पाने वाला विराट पहला घोड़ा था।
- जानवरों के साथ-साथ यह आर्मी में काम करने वाले अधिकारियों एवं लोगों को भी दिया जाता है।
- यह अवॉर्ड मरणोपरांत नहीं दिया जाता है।
हाल ही में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा Corruption Perception Index 2021 (CPI) जारी किया गया।
- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय बर्लिन, जर्मनी में है।
- इसमें 0 से 100 अंक का प्रयोग किया जाता है।
- 0 अत्यधिक भ्रष्ट जबकि 100 भ्रष्टाचारमुक्त देश को दर्शाता है।
- CPI 2021 में भारत को 85वीं रैंक मिली है।
- 2020 में भारत को 86वाँ स्थान मिला था।
- इस बार के सूचकांक में भूटान को छोड़कर भारत के सभी पड़ोसी देश इससे नीचे हैं।
- इस बार पाकिस्तान को 140वाँ स्थान मिला है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने राज्य में “मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना” (मुख्यमंत्री बालिका अधिकारिता सहायता योजना) शुरू करने की घोषणा की है।
- इसका मकसद मजदूर परिवारों की बेटियों को शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार और शादी में सहायता करना है।
- इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों की पहली दो बेटियों में से एक प्रत्येक के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि जमा की जाएगी।