प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME) 10,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के तहत निम्न व्यय हैं-
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40 के अनुपात में
- उत्तर पूर्वी और हिमालयी राज्यों के साथ 90:10 के अनुपात में
- विधानमंडल वाले केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 60:40 के अनुपात में
- अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्र द्वारा 100% साझा किया जाएगा।
योजना द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता
- जो मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ अपनी इकाइयों को अपग्रेड करने की इच्छुक नहीं हैं, वे अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति यूनिट के साथ पात्र परियोजना लागत के 35% पर क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं।
- रुपए का प्रारंभिक वित्त पोषण 40,000 प्रति सहायता समूह (SHG) सदस्य को कार्यशील पूँजी और छोटे उपकरणों की खरीद के लिए प्रदान किया जाएगा।
COVID-19 के दैनिक मामलों में वृद्धि के कारण वैल्लोर, तिरुवन्नामलाई, रानीपेट और तिरुपत्तूर में जिला प्रशासन ने सुरक्षा उपायों के तहत पोंगल त्योहार से पहले जल्लीकट्टू कार्यक्रमों के आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- जल्लीकट्टू 2000 साल से भी अधिक पुरानी परंपरा है।
- जल्लीकट्टू एक प्रतिस्पर्धी खेल के साथ-साथ सांड मालिकों को सम्मानित करने के लिए एक आयोजन है, जो उन्हें प्रजनन के लिए पालते हैं।
- यह एक हिंसक खेल है जिसमें प्रतियोगी पुरस्कार के लिए एक बैल को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। यदि वे विफल हो जाते हैं तो बैल मालिक पुरस्कार जीत जाता है।
- यह त्योहार जनवरी के दूसरे सप्ताह में मट्टू पोंगल के एक भाग के रुप में मनाया जाता है।
- जल्लीकट्टू को किसान समुदाय के लिए अपनी शुद्ध नस्ल के देशी बैलों को संरक्षित करने का एक पारंपरिक तरीका माना जाता है।
- जल्लीकट्टू के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लोकप्रिय देशी नस्लों में कंगायम, पुलीकुलम, उम्बालाचेरी, बरगुर और मलाई माडू शामिल हैं।
- संरक्षणवादियों और किसानों का तर्क है कि जल्लीकट्टू उन नर जानवरों की रक्षा करने का एक तरीका है जो खेती के लिए नहीं, मांस के लिए उपयोग किये जाते हैं।
गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के नियमों को अधिनियम पारित होने के बाद तीसरी विस्तारित समय सीमा तक भी अधिसूचित नहीं किया है।
- 9 जनवरी, दो संसदीय समितियों से नियम बनाने के लिए मांगे गए विस्तार का आखिरी दिन था।
- नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर-1951 (NRC), 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया एक रजिस्टर है।
- NRC वर्ष 1951 में केवल एक बार प्रकाशित हुआ था।
- 1951 की NRC और 1971 की मतदाता सूची (24 मार्च 1971 की मध्यरात्रि तक) को एक साथ विरासतीय (Legacy) डेटा कहा जाता है।
- नागरिकता को भारतीय संविधान के तहत संघ सूची में सूचीबद्ध किया गया है और यह संसद के अनन्य अधिकार क्षेत्र में है।
- हमारा संविधान ‘नागरिक’ शब्द को परिभाषित नहीं करता है।
- लेकिन नागरिकता के हकदार व्यक्तियों की विभिन्न श्रेणियों का विवरण भाग-2 (अनुच्छेद 5 से 11) में दिया गया है।
असम सरकार ने हाल ही में ओरांग राष्ट्रीय उद्यान (78.82 वर्ग किमी.) में 200.32 वर्ग किमी. क्षेत्र जोड़ने के लिए एक प्रारंभिक अधिसूचना जारी की।
- ओरांग में जोड़े जाने वाले क्षेत्र में घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) को फिर से बसाये जाने की संभावना ने वन्यजीव विशेषज्ञों को उत्साहित किया है।
- ओरांग राष्ट्रीय उद्यान को राजीव गांधी ओरांग राष्ट्रीय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।
- यह असम के दरांग और सोनितपुर जिलों में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर स्थित है।
- इसे 1985 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रुप में स्थापित किया गया था, फिर 1999 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया।
- यह देश का 49वां टाइगर रिजर्व भी है, जिसे 2016 में अधिसूचित किया गया था।
- इसे मिनी काँजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (IUCN साइट) के रुप में भी जाना जाता है, क्योंकि दोनों पार्कों में दलदल और घास के मैदानों से बना एक समान परिदृश्य है।
- यह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी तट पर गैंडों का एकमात्र स्थान है।
- जनवरी से मार्च 2017 के बीच राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा किये गए बाघ आकलन के अनुसार, ओरांग का बाघ का घनत्व 35.44 बाघ प्रति 100 वर्ग किमी. है और इस प्रकार यह ‘काँजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान’ को प्रतिस्थापित कर सकता है।
- 2014 में काँजीरंगा में सबसे अधिक बाघ घनत्व (12.72 प्रति 100 वर्ग किमी.) था।
प्रवासी भारतीय दिवस भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिए हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है।
- 9 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया था, क्यूंकी इसी दिन 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।
- इस अवसर पर ‘प्रवासी भारतीय दिवस कन्वेंशन’, ‘प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार’ और ‘भारत को जानो’ क्विज़ जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
- प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन हर दो साल में एक बार आयोजित किये जाते हैं।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार:-
- अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल के व्यक्ति को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
- अनिवासी भारतीयों या भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा स्थापित और संचालित एक संगठन या संस्था, जिन्होंने विदेशों में भारत की बेहतर समझ में अहम योगदान दिया है, को दिया जाता है।
वायुमंडल में SO2 का सबसे बड़ा स्रोत बिजली संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों द्वारा जीवाश्म ईंधन को जलाना है। SO2 उत्सर्जन के छोटे स्रोतों में शामिल हैं-
- औद्योगिक प्रक्रियाएं जैसे अयस्क से धातु निकालना
- प्राकृतिक स्रोत जैसे- ज्वालामुखी
- लोकोमोटिव, जहाज और अन्य वाहन और भारी उपकरण जो उच्च सल्फर सामग्री के साथ ईंधन जलाते हैं।
SO2 स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों को प्रभावित कर सकता है। इसका अल्पकालिक जोखिम, मानव श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुँचा सकता है, और सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है। अस्थमा से पीड़ित लोग विशेषकर बच्चे SO2 के इन प्रभावों के प्रति संवेदनशील होते हैं।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) 10 जनवरी से 16 जनवरी तक पहले स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन वीक का आयोजन कर रहा है।
- इस सप्ताह भर चलने वाले नवाचार उत्सव का उद्देश्य भारत के 75वें वर्ष में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाना है।
- इसे पूरे भारत में उद्यमिता के प्रसार और गहराई को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- यह देश के प्रमुख स्टार्टअप, उद्यमियों, निवेशकों, इन्क्यूबेटरों, फन्डिंग संस्थाओं, बैंकों, नीति निर्माताओं और अन्य राष्ट्रीय/ अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाएगा।
- DPIIT ने अब तक 61 हजार से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी है।
- स्टार्टअप की दुनिया में 2021 को ‘ईयर फॉर यूनिकॉर्न’ के रुप में मान्यता दी गई है, जिसमें वर्ष में 40 से अधिक यूनिकॉर्न जोड़े गए हैं।
राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) के अध्यक्ष तरुण विजय ने पिछले हफ्ते केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद खान से राज्य में आदि शंकराचार्य के जन्मस्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के संबंध में मुलाकात की।
- आदि शंकर का जन्म 11 मई, 788 ई. को केरल के कोच्चि के निकट कलाडी में हुआ था।
- उन्होंने 33 वर्ष की आयु में केदार तीर्थ में समाधि ली।
- वे भगवान शिव के भक्त थे।
- उन्होंने अद्वैतवाद के सिद्धांत को प्रतिपादित किया और संस्कृत में वैदिक सिद्धांत (उपनिषद, ब्रह्मसूत्र और भगवद गीता) पर कई टिप्पणियाँ लिखीं।
- वे बौद्ध दार्शनिकों के विरोधी थे।
- जब बौद्ध धर्म लोकप्रियता परपट्ट कर रहा था, तब वह भारत में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयासरत थे।
- उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार के लिए शिंगेरी, पुरी, द्वारका और बद्रीनाथ में भारत के चारों कोनों में चार मठों की स्थापना की।
- उन्होंने अद्वैत वेदांत का प्रतिपादन किया।
- ओमिक्रोन वैरिएन्ट के कारण कोविड के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान सरकार देश में पहली बार “स्वास्थ्य का अधिकार” कानून का मसौदा तैयार किया है।
- राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्य विधानसभा के आगामी बजट सत्र में विधेयक पेश किया जाएगा।
- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2021 के बजट में घोषणा की थी कि ‘राज्य सभी को स्वास्थ्य का अधिकार’ प्रदान करेगा।
- उन्होंने 3500 करोड़ की सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना की भी घोषणा की थी, जिसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का चिकित्सा बीमा लाभ मिलेगा।
- यह रोगियों, उनके परिचायकों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के अधिकारों को परिभाषित करता है।
- यह हितधारकों की शिकायतों के निवारण के लिए एक तंत्र प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिद सिंह की जयंती के अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए घोषणा की कि इस वर्ष से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रुप में मनाया जाएगा।
इसी दिन साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी ने एक दीवार में जिंदा सील होकर शहादत दी थी।
साहिबजादे कौन थे?
- साहिबजादे गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्र थे, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ एक महत्त्वपूर्ण लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
- चार साहिबजादे- साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझारू सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह
- साहिबजादों को खालसा में शामिल किया गया था, जो निर्दोषों को धार्मिक उत्पीड़न से बचाने के लिए 1699 में गुरु गोबिंद सिंह द्वारा बनाए गए कुलीन योद्धा समूह थे।
- सभी चार साहिबजादों को 19 साल की उम्र से पहले मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था।
- सिख धर्म गुरु गोबिंद सिंह के शहीद पुत्रों को अरदास प्राथना में ‘चार साहिबजादे’ के रुप में सम्मानित करता है।
अमेजन ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के US ई-कॉमर्स के फ्यूचर रिटेल (FRL) के साथ 2019 के सौदे को निलंबित करने के आदेश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपिलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) यानि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण में एक अपील दायर की है।
नेशनल कंपनी लॉ अपिलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT)
- इसका गठन कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 410 के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए किया गया था।